Monday, April 29, 2019

चीन में आर्थिक मंदी

Ashok Pradhan     April 29, 2019     No comments

संदर्भ
अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वार और आर्थिक मंदी का असर दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है। चीन ने इस साल के लिये सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान को आधिकारिक रूप से घटाकर 6 से 6.5 प्रतिशत कर दिया है।
  • चीन की अर्थव्यवस्था पर न केवल अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वार का असर हुआ है, बल्कि उसे आर्थिक मंदी का भी सामना करना पड़ रहा है।
  • चीन की अर्थव्यवस्था निर्यात पर आधारित है और पिछले साल यह 6.6 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी थी, जो पिछले तीन दशक में सबसे न्यूनतम आँकड़ा था।
पृष्ठभूमि
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, चीन दुनिया की सबसे तेज़ी से विकसित होने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। पिछले 30 वर्षों में चीन की औसत विकास दर 10 प्रतिशत रही है।
  • 2017 के अंत में चीन की अर्थव्यवस्था नॉमिनल ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (Nominal Gross Domestic Product-GDP) तथा परचेजिंग पॉवर पैरिटी (Purchasing Power Parity-PPP) के मामले में अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी।
  • किंतु चीन की आर्थिक वृद्धि हाल के वर्षों में धीमी रही है और अब यह 6.5 प्रतिशत सालाना की गति से चल रही है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये अच्छा संकेत नहीं है।
चीन में वर्तमान मंदी के कारण
  • किसी भी विकसित अर्थव्यवस्था का वृद्धि दर लंबे समय तक दोहरे अंकों में जारी नहीं रह सकती।
  • चीन का जननांकिकी लाभांश उसके सिंगल चाइल्ड पॉलिसी के चलते कम होता जा रहा है जिसके कारण वर्क फ़ोर्स का संकट उत्पन्न हो गया है।
  • वर्ष 2012 तक चीन में वर्क फ़ोर्स की स्थिति काफी अच्छी थी। उसके बाद अधिक उम्र के लोगों की संख्या बढ़ने के कारण कुल जनसंख्या की तुलना में उत्पादक श्रम बल धीरे-धीरे कम होता गया जिसके कारण श्रम करने वाले लोगों का प्रतिशत काफी कम हो गया।
  • संसाधनों के विनियोजन की अक्षमता भी एक प्रमुख कारण है। चीन में तीन दशकों तक एक्सपोर्ट की वृद्धि दर लगभग 17 प्रतिशत रही है जिसका चीन की आर्थिक वृद्धि में बड़ा योगदान रहा है जो अब लगातार घटता जा रहा है।
  • चीन ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काफी निवेश किया है साथ ही एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया है जिसके कारण अर्थव्यवस्था में काफी तेज़ी आई लेकिन अब इसकी गति धीमी हो गई है।
  • वर्तमान में चीन क़र्ज़ में डूबा हुआ है। यह क़र्ज़ चीन की कुल GDP का 300 प्रतिशत के बराबर है जो मंदी के प्रमुख कारणों में से एक है, साथ ही बैड लोन का जोखिम भी चीन की चिंता का प्रमुख कारण है।
  • चीन विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है और प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ रहा है जो किसी विकसित अर्थव्यवस्था के लिये पर्याप्त नहीं है।
  • चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी चक्रीय कारकों की वजह से नहीं बल्कि ढाँचागत बदलाव की वजह से है। जब तक नए कारक सामने नहीं आते, जीडीपी वृद्घि अन्य विकसित देशों की तुलना में कम होते रहने की आशंका है।
चीन की मंदी का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
  • चीन की आर्थिक मंदी दुनिया के विभिन्न देशों को उनके प्रदर्शन के आधार पर अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करेगी।
  • चीन में चल रही आर्थिक मंदी का सबसे अधिक प्रभाव इसके ट्रेडिंग पार्टनर्स (व्यापार सहयोगियों) पर पड़ेगा। दक्षिण कोरिया ,जापान तथा आसियान देशों के निर्यात के लिये चीन एक महत्त्वपूर्ण बाज़ार है।
  • इसके अलावा जो देश कमोडिटी एक्सपोर्ट के लिये चीन पर निर्भर हैं जैसे- ब्राज़ील, कनाडा, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
  • चीन में वस्तुओं की कम होती जा रही मांग दुनिया भर की विभिन्न कंपनियों के लिये चिंता का विषय है। आईफ़ोन, ऑटोमोबाइल्स जैसे कई उत्पादों की घटती बिक्री के कारण एप्पल, जगुआर तथा लैंड रोवर जैसी कई कंपनियों ने चीन को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।
  • विश्व के कुल स्टील, कोयला तथा कॉपर का आधा हिस्सा चीन द्वारा आयात किया जाता है। मांग में बड़ी गिरावट आने से विश्व भर में इनकी कीमतों पर असर पड़ने की संभावना है।
  • इसके अलावा, ट्रेड वार ने चीन की हालत को और खस्ता कर दिया है।
  • दुनिया की कुल अर्थव्यवस्था का एक-तिहाई हिस्सा चीन पर निर्भर है। दुनिया के तमाम देश चीन को निर्यात करते हैं। इसका असर नौकरियों और निर्यात पर होगा।
  • ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा और इंडोनेशिया जैसे कमोडिटी निर्यात पर निर्भर देशों में मंदी के कारण उनकी जीडीपी वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • IMF के अनुसार, पिछले कई वर्षों से चीन वैश्विक आर्थिक विकास में सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता रहा है, जो 2010 से 2013 के बीच औसतन 31 प्रतिशत योगदान देता रहा है। यह आँकड़ा 1980 के दशक के 8 प्रतिशत की तुलना में काफी अधिक है।
  • दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक बनने के बाद चीन को अपनी बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाना मुश्किल होगा, खासकर तब जबकि प्रमुख देश संरक्षणवादी रुख अपना रहे हैं। फिलहाल यह 17 फीसदी है।
  • कुल कारक उत्पादकता जो विकास के दौर में अच्छी खासी थी वह 2008-11 के 3 प्रतिशत के स्तर से गिरकर अब केवल एक फीसदी रह गई है।
भारत पर प्रभाव
  • भारत के आयात में चीन की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है जो काफी अधिक है। यह 4.39 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार भी है। इसलिये भारत पर इसका अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
  • यदि युआन कमज़ोर होता है तो चीन से आयात सस्ता होगा जिससे चीन में उत्पादों की डंपिंग हो सकती है। इससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है, साथ ही भारत को कच्चे माल के निर्यात का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
  • भारत चीनी कंपनियों के लिये एक गंतव्य बन सकता है। इससे चीनी कंपनियों को भारत में बिकने वाले उत्पादों के विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
भारत के लिये अवसर
  • पिछले कुछ वर्षों में भारत चीन की तुलना में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह तेज़ी आगे भी जारी रहने की संभावना है क्योंकि चीनी अर्थव्यवस्था लगातार गति खोती जा रही है। इसलिये भारत के लिये यह लाभ उठाने का अवसर है।
  • 2019 में भारतीय औसत आय, मोटे तौर पर 2006 में चीनी औसत आय के समान होगी। इसका मतलब यह है कि जीवन स्तर के मामले में भारत अब चीन से 13 साल ही पीछे है।
  • 1990 के दशक के बाद से चीन भारत की तुलना में औसतन लगभग 2 प्रतिशत अधिक तेज़ी से बढ़ रहा है। दोनों एशियाई देशों ने कमोबेश समान स्तर पर वृद्धि शुरू की थी। लेकिन चीन बहुत तेज़ी के साथ आगे बढ़ा।
  • भारत के पास अब इस अंतर को कम करने का बेहतरीन मौका है। इसके लिये पहली शर्त यह है कि उच्च आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिये नीतिगत सुधार करने होंगे।
निष्कर्ष
वर्तमान में भारत अपने अवसंरचना और कारोबारी माहौल में सुधार करके विनिर्माण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है, जबकि चीन अपनी अर्थव्यवस्था को उच्च-गुणवत्ता वाले विकास में बदलने की कोशिश कर रहा है। भारत, चीनी कंपनियों के लिये पसंदीदा देश हो सकता है। चीन की जो कंपनियाँ भारत में अपना सामान बेचती हैं वे भारत में ही सामान बनाना चाहेंगी। इससे मेक इन इंडिया अभियान को बल मिलेगा। हमें इस बात को भी समझना होगा कि चीन मंदी की चपेट में ज़रूर है लेकिन उसके आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं आई है

0 comments :

Thanks

Recommended

Like Us

{getWidget} $results={3} $label={comments} $type={list}

Facebook SDK

Powered by Blogger.

SUBSCRIBE


Blog Archive

Search This Blog

Blog Archive

Link list

Translate

About

Pages

Pages - Menu

Blogger news

3-latest-65px

Pages

Pages - Menu

Blogroll

© 2015 Civil Service . Blogger Templates Designed by Bloggertheme9. Powered by Blogger.