Tuesday, April 30, 2019

Upsc मुख्य परीक्षा रणनीति (सामान्य अध्ययन - I)

Ashok Pradhan     April 30, 2019     No comments

सामान्य अध्ययन-1 (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज)
इतिहास
  • इतिहास सामान्य अध्ययन, प्रथम प्रश्नपत्र का महत्त्वपूर्ण भाग है। इतिहास का अपेक्षाकृत विस्तृत पाठ्यक्रम हमेशा से परीक्षार्थियों के लिये एक बड़ी समस्या बनकर सामने आता रहा है। किंतु यह समस्या एक भ्रम मात्र है, इसका व्यावहारिक समाधान परीक्षार्थियों की समस्या को बड़ी सहूलियत के साथ हल कर सकता है।
  • दरअसल, इतिहास के अंतर्गत यूपीएससी ने आधुनिक भारत के इतिहास के साथ-साथ भारतीय विरासत एवं संस्कृति तथा विश्व इतिहास को भी शामिल किया है। 
  • सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में कुल 12 टॉपिक्स हैं जिनमें से शुरुआती पाँच टॉपिक्स इतिहास से संबंधित हैं, जिनका विस्तृत विवरण पाठ्यक्रम में दिया गया है।
  • इस तरह से देखा जाए तो इतिहास के अंतर्गत तीन खण्ड शामिल हैं; भारतीय विरासत और संस्कृति, आधुनिक भारतीय इतिहास और विश्व इतिहास। इन तीनों खण्डों का विश्लेषण इस प्रकार है-
भारतीय विरासत और संस्कृति
  • प्रथम टॉपिक में भारतीय संस्कृति के संदर्भ में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलुओं का अध्ययन शामिल है। 
  • यहाँ यह स्पष्ट कर देना ज़रूरी है कि संस्कृति एवं विरासत खंड में यूपीएससी की परीक्षार्थियों से अपेक्षा सिर्फ तीन पहलुओं; कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला से है, जबकि परीक्षार्थी पूरी भारतीय संस्कृति एवं विरासत की तैयारी में संलग्न रहते हैं। फलस्वरूप वे उन चीज़ों पर ध्यान नहीं दे पाते जिनकी अपेक्षा उनसे की जाती है।
  • इस टॉपिक के अध्ययन के लिये परीक्षार्थियों को कालक्रम के अनुसार कलाओं के विकास, साहित्य एवं वास्तुकला की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिये। उदाहरण के तौर पर, भारतीय इतिहास की शुरुआत प्रागैतिहासिक काल से ही हो जाती है। इस काल में मानव सामान्यतः खानाबदोशी जीवन व्यतीत करता था, फिर भी कला के प्रति उसमें प्रेम निहित था। भीमबेटका की गुफाओं में निर्मित भित्ति चित्र प्रागैतिहासिक मानव की ही देन हैं। इस काल में कला का एक रूप सिर्फ चित्रकला ही दिखाई देता है अतः इस पक्ष का अध्ययन ज़रूरी है। 
  • कला के अन्य पक्षों के अतिरिक्त साहित्य एवं वास्तुकला के संदर्भ में इस काल के मानव की कोई प्रमुख देन नहीं है। इसी प्रकार, आगे हमें ताम्र पाषाणकाल, नवपाषाणकाल, सिंधु सभ्यता एवं वैदिककाल, मध्यकाल तथा आधुनिक काल के संदर्भ में कला के रूप, साहित्य एवं वास्तुकला से संबंधित पक्षों का अध्ययन कर उनके प्रश्नोत्तर तैयार करने की कोशिश करनी चाहिये।
नोट: मुख्य परीक्षा में, विगत वर्षों में इस खंड से पूछे गए प्रश्नों के लिये इस link पर क्लिक करें।
विश्व इतिहास 
  • इसके अंतर्गत परीक्षार्थियों से केवल 18वीं सदी तथा उसके बाद के विश्व इतिहास की जानकारी की अपेक्षा की गई है, न कि संपूर्ण विश्व इतिहास की। 
  • इसके तहत औद्योगिक क्रांति से लेकर वर्तमान तक की प्रमुख वैश्विक घटनाओं की जानकारी होना ज़रूरी है। 
  • इस टॉपिक के लिये 9वीं, 10वीं, 11वीं तथा 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन अपने आप में पर्याप्त होगा। साथ ही, समसामयिक घटनाओं पर भी नज़र रखना महत्त्वपूर्ण होगा क्योंकि यूपीएससी अधिकांश प्रश्न परंपरागत मुद्दों को समसामयिक घटनाओं से जोड़कर ही पूछता है।चूँकि, इतिहास खंड से मूलतः परंपरागत प्रश्न ही पूछे जाते हैं। अतः इसकी तैयारी के लिये मानक पुस्तकों का अध्ययन (संबधित पुस्तकों की सूची नीचे दी गई है) और उत्तर-लेखन अभ्यास पर्याप्त होगा।
नोट: मुख्य परीक्षा में, विगत वर्षों में इस खंड से पूछे गए प्रश्नों के लिये इस link पर क्लिक करें।
भूगोल एवं विश्व का भूगोल
  • मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम में भूगोल (भारत एवं विश्व का भूगोल) तथा पर्यावरणीय मुद्दों और आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रश्न क्रमशः सामान्य अध्ययन प्रथम एवं तृतीय के अंतर्गत पूछे जाते हैं। 
  • ध्यातव्य है कि भूगोल का विस्तृत अध्ययन अन्य खंडों से संबंधित प्रश्नों को समझने व उनके उत्तर लिखने में भी मददगार होता है, जैसे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों से जुड़े प्रश्न, क्योंकि देशों की भौगोलिक अवस्थिति, संसाधन व अन्य मुद्दों की जानकारी भूगोल की जानकारी के बिना संभव नहीं है। अतः भूगोल का विस्तृत एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन आवश्यक है।
  • भूगोल से संबंधित टॉपिक्स का अध्ययन करते समय अवधारणात्मक (conceptual) रूप से गहन अध्ययन आवश्यक है क्योंकि प्रश्न मूलतः अवधारणा से ही पूछे जाते हैं, जैसे- चक्रवात का अध्ययन करने में वायुदाब पेटियों को अच्छी तरह से समझना आवश्यक है। यह जानकारी आपको चक्रवात की प्रकृति, प्रकार, विशेषताओं व मौसमी दशाओं को समझने में कारगर होगी। अतः भूगोल से संबंधित टॉपिक्स का अध्ययन अवधारणात्मक रूप से गहन जानकारी व विश्लेषण के साथ करना परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी रहेगा।
  • अगर पिछले वर्षों के प्रथम व तृतीय प्रश्नपत्रों का अवलोकन करें तो एक बात साफ तौर पर देखी जा सकती है कि भूगोल, पर्यावरणीय मुद्दे व आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रश्नों की प्रकृति विश्लेषणात्मक (Analytical) प्रकार की रही हैं, जहाँ संबंधित अवधारणाओं की गहन जानकारी आवश्यक है। 
  • विगत दो वर्षों की मुख्य परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में भूगोल खंड से पूछे गए प्रश्नों का अवलोकन करें तो एक बात स्पष्ट हो जाती है कि ये प्रश्न विश्व के भौतिक भूगोल, भारत के अपवाह तंत्र, उद्योगों की अवस्थिति, ऊर्जा संसाधन, महासागरीय संसाधन, कृषि, अफ्रीकी महाद्वीप के संसाधन, प्लेट विवर्तनिकी व भूकंप, ज्वालामुखी, प्लेट विवर्तनिकी एवं द्वीपों के निर्माण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा एल-नीनो से संबंधित थे, वहीं पर्यावरणीय मुद्दों व आपदा प्रबंधन के प्रश्न पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, अवैध खनन, भारत के पश्चिमी क्षेत्र में भूस्खलन व आपदा प्रबंधन से संबंधित थे। 
नोट:
 ⇒ यूपीएससी द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा में, विगत वर्षों में भूगोल खंड से पूछे गए प्रश्नों के लिये इस link पर क्लिक करें।
 ⇒ समाज खंड की रणनीति एवं इस खंड से विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का उल्लेख प्रश्नपत्र-2 के अंतर्गत सामाजिक न्याय खंड के साथ किया गया है।

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