राजनीतिक दलों के लिए राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करने की परिस्थितियां |
भारत का कोई भी 25 वर्षीय नागरिक जिसका नाम मतदाता सूची में भी शामिल हो वह बिना कोई दल बनाए चुनाव लड़ सकता है। इसी तरह, विभिन्न संस्थाएं भी चुनाव आयोग में पंजीकृत हुए बिना चुनाव में भाग ले सकती हैं लेकिन ऐसे में उन्हें राजनीतिक दल का दर्जा प्राप्त नहीं होगा और न ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए), 1951के प्रावधानों के तहत मिलने वाले लाभ इन संस्थाओं को मिल पाएंगे।
किसी भी पंजीकृत राजनीतिक दल को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। आरपीए, राजनीतिक दलों को किसी सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या अन्य कम्पनियों से मिलने वाले स्वैच्छिक सहायता योगदानों को स्वीकार करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, पंजीकृत दलों को चुनाव चिन्हों के आवंटन में भी प्रमुखता दी जाती है जबकि अन्य उम्मीदवारों को निर्दलीय उम्मीदवार माना जाता है और ऐसे उम्मीदवार को चुनाव चिन्हों के मामले में प्रमुखता नहीं दी जाती है।
पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी करने पर चुनाव चिन्ह (आरक्षण व आवंटन) आदेश 1968, समय-समय पर संशोधित, के तहत कुछ समय के बाद राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय दल का दर्जा भी प्रदान किया जा सकता है।
अगर किसी पंजीकृत दल को राज्यस्तरीय दल की मानयता प्राप्त है तो उसे जिस राज्य में मान्यता प्राप्त है, वहां उसे उस राज्य में अपने उम्मीदवारों को दल के लिये सुरक्षित चुनाव चिन्ह आवंटित करने का विशेष अधिकार प्राप्त होता है। यदि किसी दल को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल है तो उसे पूरे भारत में अपने उम्मीदवारों को दल के लिए सुरक्षित चुनाव चिन्ह आवंटित करने का विशेष अधिकार प्राप्त होता है। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय उम्मीदवारों को नामांकन-पत्र दाखिल करते वक्त सिर्फ एक ही प्रस्तावक की जरूरत होती है। इसके अलावा उन्हें मतदाता सूचियों में संशोधन के वक्त मतदाता सूचियों के दो सेट नि:शुल्क पाने का अधिकार भी होता है। आम चुनाव के दौरान उनके उम्मीदवारों को भी मतदाता सूची का एक सेट नि:शुल्क पाने का हक होता है। इसके अलावा आम चुनाव के दौरान उन्हें आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण की सुविधा भी मिलती है। ऐसे राजनीतिक दलों को आम चुनाव के दौरान अपने स्टार प्रचारक नामित करने की सुविधा भी प्राप्त हो जाती है। एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल अपने लिए अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकता है जबकि एक गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल अधिकतम 20 स्टार-प्रचारक ही रख सकता है। इन स्टार प्रचारकों का यात्रा खर्च उस उम्मीदवार के खर्च में नहीं जोड़ा जाता जिसके पक्ष में ये स्टार प्रचारक, प्रचार करते हैं।
किसी राजनीतिक दल को किसी राज्य में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल तभी माना जाएगा यदि वह निम्नलिखित में से कोई एक शर्त पूरी करता हो:-
· किसी आम चुनाव में या विधानसभा चुनाव में उस दल ने राज्य विधानसभा की 3 प्रतिशत सीटों (कम से कम तीन सीटों) पर चुनाव जीता हो।
· लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल ने उस राज्य के हिस्से की प्रति 25 लोकसभा सीटों पर एक लोकसभा सीट जीती हो।
· लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में किसी राज्य में उस राजनीतिक दल को कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हों। इसके अलावा उस दल ने उस राज्य से एक लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीता हो।
· लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को उस राज्य में 8 प्रतिशत मत मिले हों।
किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त होना:-
· उस राजनीतिक दल को तीन अलग-अलग राज्यों की लोकसभा (11 सीटों) की 2 प्रतिशत सीटें प्राप्त हुई हों।
· लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को 4 राज्यों के कुल मतों में से 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हों और उसने लोकसभा की 4 सीटें जीती हों।
· किसी राजनीतिक दल को 4 या अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दोनों तरह के दलों को मान्यता प्राप्त होने के बाद होने वाले सभी लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में इन शर्तों को पूरा करते रहना होगा वरना, उन्हें प्राप्त हुई मान्यता समाप्त मानी जाएगी।
PIB - GOVT. OF INDIA
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